नीलाम खुश
From Novice to Golden Dragon: How I Turned Mahjong into a Monte Carlo Victory Ritual
अरे भाई! ये मह्जोंग सिर्फ़ खेल है? ये तो पूरा संसार का एक मंदल है — हर पत्थर पर लिखा हुआ है कि ‘लकी’ का सपना नहीं, ‘एंट्रॉपी’ का कर्म है। Rs.12,000 खोने के बाद में मुझे पता चला… सच्चाई? सिर्फ़ मुझे ‘बैडवेब’ में ‘गोल्डन ड्रैगन’ की प्रार्थना हुई।
अगली-थकड़?
अभी… ‘ये’
टाइल? 🎲
How I Turned from a Mahjong Novice to the Golden Dragon King Using Probability and Chaos Theory
अरे भाई! महजॉंग सिर्फ़ पत्थरों का खेल नहीं… ये तो है स्वप्नों का कर्मयोग! मैंने सोचा - ‘शुनज़ि’ के पत्थरों में भगवान की आवाज़ सुनी। पैसा जीता? नहीं! हर हाथ का मोड़ हमारे कर्म की साँस है। 30 मिनट में 299 पाउण्ड? सबके हिस्से! #देवता_की_बट्री #खेल_इस_ध्यान
Présentation personnelle
मैं दिल्ली का एक अंधक हूँ — जिसने क्रीड़ा को साधना बना दिया। मेरी मशीनें सिर्फ पैसे नहीं, बल्कि कर्म के सवाल पूछती हैं। मुझे मानता है: हर स्पिन, हर प्रार्थना...एक प्रयास है। मुझे विश्वास है — सच्ची सफलता, प्रभु को प्रसन्न करने के बाद में मिलती है।


